सरकार का लक्ष्य अधिक कुशल भुगतान प्रणाली प्रदान करने और मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाने के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के जरिये e-रूपया लॉन्च करना है।
e-रूपया RBI की डिजिटल मुद्रा मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलने के लिए नहीं बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए एक अतिरिक्त मार्ग प्रदान करने के लिए है।
CBDC केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल रूप में जारी e-रूपया एक कानूनी मुद्रा है। यह एक संप्रमुख चलन मुद्रा के समान है और सममूल्य पर एक-से-एक विनिमय योग्य है।
डिजिटल मुद्रा के विपरीत, यह सेंट्रल बैंक याने RBI की देनदारी होगी न कि सरकारी या प्राइवेट वाणिज्य बैंक की।
CBDC को टोकन-आधारित या खाता-आधारित के रूप में संरचित किया जा सकता है।
RBI के कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि e-रूपया यह संभवत: पैसे जारी करने और लेनदेन की लागत को कम करेगा।
CBDC एक "परिवर्तनीय कानूनी प्रस्ताव" है जिसके लिए धारकों को बैंक खाता रखने की आवश्यकता नहीं होती है।
केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा से वास्तविक समय में ढेर सारा विशाल डेटा उत्पन्न होने की उम्मीद है।